हरियाणा में इनेलो-बसपा और हलोपा का गठबंधन:सिरसा से चुनाव लड़ेंगे गोपाल, BJP से नहीं बनी बात, पूर्व CM को नोटों से तोल चुके कांडा
हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल ) और हलोपा (हरियाणा लोकहित पार्टी) के बीच गठबंधन हो गया है। इनेलो मायावती की पार्टी बसपा ( बहुजन समाज पार्टी ) के साथ पहले ही गठबंधन कर चुकी है, हलोपा के साथ आने से अब ये तीनों दल एक साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतर गए हैं।
इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने आज सिरसा में हलोपा प्रमुख गोपाल कांडा के आवास पर पहुंचकर इस गठबंधन का औपचारिक ऐलान किया है। सिरसा से दो बार विधायक रह चुके गोपाल कांडा को सिरसा से गठबंधन की तरफ से उम्मीदवार भी घोषित कर दिया गया है।
दरअसल, हलोपा 2019 के बाद से भाजपा को समर्थन दे रही थी। गोपाल कांडा को उम्मीद थी की भाजपा उनके साथ गठबंधन कर सिरसा से उन्हें ही उम्मीदवार बनाएगी, हालांकि भाजपा ने कांडा की उम्मीदों को तोड़ते हुए हलोपा से गठबंधन नहीं किया।
बता दें कि इनेलो के साथ गोपाल कांडा के रिश्ते काफी पुराने हैं। 2004 के विधानसभा चुनाव से पहले सिरसा पहुंचे तत्कालीन मुख्यमंत्री ओपी चौटाला को कांडा ने नोटों की गड्डियों से तोला था।
हरियाणा के 2 मुख्यमंत्री गठबंधन चाहते थे, शीर्ष नेतृत्व राजी नहीं हुआ खट्टर ने किया प्रयास, लेकिन कांडा की छवि के कारण पीछे हटना पड़ा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले हलोपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे। पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल ने इसके लिए प्रयास किए थे। लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने ऐसा नहीं होने दिया। तब उमा भारती ने ट्वीट कर ‘स्वच्छ’ छवि वाले नेताओं से समर्थन लेने की सलाह दी थी।
2019 के विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग को दिए गए गोपाल कांडा के हलफनामे के मुताबिक, उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश, जालसाजी, धोखाधड़ी और चेक बाउंस समेत 9 आपराधिक मामले विभिन्न अदालतों में लंबित थे। हालांकि, चुनाव के बाद भी गोपाल कांडा ने हरियाणा की खट्टर सरकार को समर्थन दिया।
नायब सैनी घर तक गए, गठबंधन की बात कही थी मुख्यमंत्री नायब सैनी सिरसा दौरे के दौरान कई बार कांडा बंधुओं से मिले। विधायक गोपाल कांडा के आवास पर भी गए। नायब सैनी ने मीडिया तक में यह बयान दिया कि हरियाणा में भाजपा गोपाल कांडा की हलोपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। हलोपा, एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) का हिस्सा भी है।
वहीं गोपाल कांडा ने पिछले दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं भाजपा के हरियाणा प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से भी मुलाकात की थी और एनडीए के हिस्से के तौर पर 15 सीटें मांगी थीं। मगर कांडा के बढ़ते दबाव और शीर्ष नेतृत्व के राजी नहीं होने से गठबंधन पर बात नहीं बनी।
दोस्ती, दुश्मनी और फिर दोस्ती की दिलचस्प है कहानी… किसी समय सिरसा में रेडियो रिपेयरिंग का काम करने वाले कांडा की किस्मत तब पलटी जब उन्होंने सिरसा में ही जूते-चप्पल की दुकान खोली। इस दुकान के बाद कांडा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। राजनीति में भी धाक जमाते हुए वह राज्य में मंत्री तक बने। आज कांडा का गोवा में बिग डैडी नाम से कैसीनो चलता है।
उन्हें गोवा का कैसीनो किंग भी कहा जाता है। एक समय कांडा का कैसीनो गोवा में समुद्र के अंदर खड़े रहने वाले शिप पर चलता था। गोपाल कांडा की कंपनी मैसर्स गोल्डन ग्लोब होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के इस शिप में उनका कैसीनो रियो चलता था। यह शिप गोवा की मंडोवी नदी में खड़ा रहता था।
चौटाला परिवार के करीब रहे, फर्श से अर्श तक पहुंचे कांडा के करोड़पति बनने का असली सफर साइबर सिटी गुरुग्राम से वर्ष 2000 के आसपास शुरू हुआ। उस समय राज्य में ओमप्रकाश चौटाला की अगुवाई में इनेलो की सरकार थी। उस समय कांडा इनेलो सुप्रीमो चौटाला के बेहद करीब थे।
चौटाला सरकार के दौरान ही कांडा ने सिरसा जिले में तैनात रहे एक IAS अफसर से हाथ मिलाया। उसी समय सिरसा में तैनात रहा वह आईएएस अफसर भी गुरुग्राम में हुडा प्रशासक लग गया। दोस्ती का फायदा उठाते हुए कांडा ने गुरुग्राम में प्लाटों की खरीद-फरोख्त शुरू कर दी।
चौटाला सरकार में कांडा के राजनेताओं से अच्छे संबंध बन गए। यह वो दौर था जब गुरुग्राम का तेजी से विकास हो रहा था और बड़ी-बड़ी कंपनियां वहां अपने कॉर्पोरेट दफ्तर खोल रही थी। गोपाल कांडा को इस विकास का जमकर फायदा मिला।
दोस्ती, दुश्मनी और फिर दोस्ती की दिलचस्प है कहानी… किसी समय सिरसा में रेडियो रिपेयरिंग का काम करने वाले कांडा की किस्मत तब पलटी जब उन्होंने सिरसा में ही जूते-चप्पल की दुकान खोली। इस दुकान के बाद कांडा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। राजनीति में भी धाक जमाते हुए वह राज्य में मंत्री तक बने। आज कांडा का गोवा में बिग डैडी नाम से कैसीनो चलता है।
उन्हें गोवा का कैसीनो किंग भी कहा जाता है। एक समय कांडा का कैसीनो गोवा में समुद्र के अंदर खड़े रहने वाले शिप पर चलता था। गोपाल कांडा की कंपनी मैसर्स गोल्डन ग्लोब होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के इस शिप में उनका कैसीनो रियो चलता था। यह शिप गोवा की मंडोवी नदी में खड़ा रहता था।
चौटाला परिवार के करीब रहे, फर्श से अर्श तक पहुंचे कांडा के करोड़पति बनने का असली सफर साइबर सिटी गुरुग्राम से वर्ष 2000 के आसपास शुरू हुआ। उस समय राज्य में ओमप्रकाश चौटाला की अगुवाई में इनेलो की सरकार थी। उस समय कांडा इनेलो सुप्रीमो चौटाला के बेहद करीब थे।
चौटाला सरकार के दौरान ही कांडा ने सिरसा जिले में तैनात रहे एक IAS अफसर से हाथ मिलाया। उसी समय सिरसा में तैनात रहा वह आईएएस अफसर भी गुरुग्राम में हुडा प्रशासक लग गया। दोस्ती का फायदा उठाते हुए कांडा ने गुरुग्राम में प्लाटों की खरीद-फरोख्त शुरू कर दी।
चौटाला सरकार में कांडा के राजनेताओं से अच्छे संबंध बन गए। यह वो दौर था जब गुरुग्राम का तेजी से विकास हो रहा था और बड़ी-बड़ी कंपनियां वहां अपने कॉर्पोरेट दफ्तर खोल रही थी। गोपाल कांडा को इस विकास का जमकर फायदा मिला।