एजेंसी, नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने रविवार देर रात दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। हरियाणा कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में 9 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। उचाना कलां से बृजेंद्र सिंह, बादशाहपुर से यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वर्धन यादव और गुड़गांव सीट से पंजाबी नेता और हाल ही में कांग्रेस में आए मोहित ग्रोवर को टिकट दिया है।
कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में किसे मिला टिकट
9 उम्मीदवारों के लिए जारी की गई कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में थानेसर से अशोक अरोड़ा, गनौर से कुल्दीप शर्मा, उचाना कलां से ब्रिजेंद्र सिंह, तोहाना से परमवीर सिंह, तोशाम से अनिरुद्ध चौधरी, मेहम से मंजू चौधरी, नांगल चौधरी मंजु चौधरी, बादशाहपुर से वर्धन यादव और गुरुग्राम से मोहित ग्रोवर का नाम शामिल है।
इस सूची के साथ ही कांग्रेस ने 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए कुल 41 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने शुक्रवार को चुनाव के लिए 32 उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को गढ़ी सांपला-किलोई से, राज्य इकाई के प्रमुख उदय भान को होडल से और पहलवान विनेश फोगट को जुलाना से मैदान में उतारा गया है।
पार्टी ने पहले 31 उम्मीदवारों की सूची जारी की और थोड़ी देर बाद एक बयान में कहा कि सीईसी ने इसराना (अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र से बलबीर सिंह की उम्मीदवारी को मंजूरी दे दी है। बलबीर सिंह इसराना से मौजूदा विधायक हैं। इस पुरानी पार्टी ने अपने सभी 28 विधायकों को फिर से उम्मीदवार बनाया है।
हुड्डा, भान और फोगट के अलावा, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के खिलाफ लाडवा से मेवा सिंह को भी मैदान में उतारा है। कांग्रेस हरियाणा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीट बंटवारे पर भी बातचीत कर रही है, जिसमें दोनों पक्षों की ओर से सीटों को लेकर बातचीत चल रही है।
देवीलाल के पोते भाजपा छोड़कर इनेलो में शामिल
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को झटका देते हुए पार्टी नेता आदित्य चौटाला ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में शामिल हो गए हैं। इनेलो ने डबवाली विधानसभा क्षेत्र से आदित्य चौटाला को अपना उम्मीदवार भी घोषित किया। पार्टी सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ने आदित्य को टिकट दिया।
आदित्य चौटाला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री देवीलाल के पोते भी हैं। इनेलो में शामिल होने के बाद आदित्य ने कहा कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के लिए 10 साल तक कड़ी मेहनत की है, लेकिन फिर भी उन्हें पटरी से उतारने की कोशिश की गई।