हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा द्वारा प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही पार्टी के भीतर घमासान मच गया है। सूची जारी होने के महज दो मिनट बाद ही कई वरिष्ठ नेता असंतोष प्रकट करते हुए इस्तीफा देने लगे हैं। ये इस्तीफे भाजपा के आंतरिक कलह और गुटबाजी को उजागर कर रहे हैं, जिससे पार्टी की चुनावी तैयारियों पर सवाल खड़े हो गए हैं।
प्रत्याशियों की इस सूची में एक और खास बात यह रही कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने फिर से अपनी सीट बदल ली है। पहले से ही वे अपनी सीट बदलने के लिए जाने जाते हैं, और इस बार भी उन्होंने नई सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। इस कदम ने पार्टी के भीतर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ नेताओं का मानना है कि लगातार सीट बदलना मुख्यमंत्री की घटती लोकप्रियता का संकेत है, जबकि कुछ इसे पार्टी की रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं।
इस सूची से असंतुष्ट नेताओं का कहना है कि पार्टी ने योग्य और समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है। जिन नेताओं ने पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत की, उन्हें टिकट देने के बजाय बाहरी या नए चेहरों को प्राथमिकता दी गई है। इससे पार्टी के भीतर नाराजगी बढ़ी है, और कई नेता खुलकर इसका विरोध कर रहे हैं।
असंतोष की यह लहर पार्टी की चुनावी संभावनाओं को कमजोर कर सकती है, क्योंकि चुनावी मैदान में उतरने से पहले ही पार्टी के भीतर इस तरह की टूट-फूट भाजपा के लिए चिंता का विषय बन सकती है। जनता के बीच पार्टी की छवि और आंतरिक लोकतंत्र पर भी सवाल उठने लगे हैं। भाजपा को अब इस संकट से निपटने के लिए तेज़ी से कदम उठाने होंगे, ताकि चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत रख सके।