हरियाणा भाजपा के एससी मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष सूरजमल किलोई ने टिकट ना मिलने के नाराज होकर पार्टी छोड़ी और जमकर भड़ास निकाली। सूरजमल किलोई ने कहा कि इस बार भाजपा की टिकटों का बंटवारा ऐसे हुआ है, जैसे रेल की टिकट बंट रही हो। चमचों को उम्मीदवार बनाया गया है। साथ ही कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है।
सूरजमल किलोई को भाजपा ने एससी मोर्चा का प्रदेश उपाध्यक्ष, बस्ती संपर्क अभियान का प्रदेश संयोजक और जिला झज्जर का प्रभारी बनाया हुआ था। किलोई ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। जिसका मुख्य कारण कलानौर विधानसभा से टिकट ना मिलना है।
भाजपा के एससी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष सूरजमल किलोई से पार्टी छोड़ने के बाद दैनिक भास्कर से की बात…
प्रश्न : पार्टी छोड़ने के क्या कारण रहे?
उत्तर : 2014 में कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। मैने 10 साल लगातार मेहनत की। आज मैं नाराज हूं, भाजपा से। क्योंकि मैने लगातार कलानौर विधानसभा में हजारों लोगों से जनसंपर्क और पार्टी का प्रचार-प्रसार किया। अब टिकट का वितरण गलत तरीके से किया गया। जिस उम्मीद पर बैठे थे और भाजपा के सच्चे सिपाही थे। लेकिन भाजपा ने कार्यकर्ता की पहचान नहीं है। भाजपा ने जो चमचागिरी करने वाले लोग हैं, उनको ज्यादा महत्व देने का काम किया। इसलिए मैं नाराज होकर भाजपा के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।
प्रश्न : आगे कौन-सी पार्टी ज्वाइन करेंगे?
उत्तर : कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करूंगा।
प्रश्न : टिकट मिलने का कारण क्या रहा?
उत्तर : हो सकता है हमारे से अच्छे उम्मीदवार होते। उनको टिकट देते तो मैं शायद यह निर्णय नहीं ले पाता। लेकिन एक ऐसी कमजोर महिला को जो 5 साल रोहतक शहर की फुल-फ्लैग मेयर रही, अच्छा शासन चला। भ्रष्टाचार के मामले में चर्चा में रही। विजिलेंस की जांच में दोषी पाई गई। भाजपा ने सभी दोषों को दबाकर, उनकी जांच को बंद कर दिया। आज 5 साल के बाद भाजपा में आने के बाद उम्मीदवार बनाया है। 2 दिन पहले हमारे पार्षद सुरेश किराड़ ने भी कहा था कि जो लोग 5 साल मेयर रहकर अगला चुनाव पार्षद का हार गए तो वे विधानसभा का चुनाव कैसे जीतेगी। मुझे नहीं लगता कि वह जीत पाएगा।
प्रश्न : उन्हें किस आधार पर टिकट दी है?
उत्तर : पार्टी को कुछ अच्छा लगा होगा और हमारे अंदर कोई कमी लगी होगी। वह तो जब 8 तारीख को रिजल्ट आएगा तब पता चलेगा।
प्रश्न : आप किस आधार पर टिकट मांग रहे थे?
उत्तर : मैं इस आधार पर टिकट मांग रहा था कि जीवन में 5 चुनाव जीते हैं और 25 साल से जनप्रतिनिधि हैं। जो लोग 5 साल मेयर रहकर अगला चुनाव पार्षद का हार गए। उन लोगों को भाजपा ने इतना पड़ा सम्मान देने का काम किया है। मैं इससे नाराज हूं। इसका मतलब है कि यहां काम करने वालों की जरूरत नहीं हैं, चमचों की जरूरत है।
प्रश्न : कांग्रेस भी कलानौर से उम्मीदवार मैदान में उतार चुकी है और वहां भी टिकट मिलने की उम्मीद नहीं है। फिर भी कांग्रेस में शामिल क्यों हो रहे हैं?
उत्तर : मैं पहले कांग्रेस से ही आया था। मैं किसी घर को छोड़कर किसी घर में गया, वहां उससे भी बुरा हाल है। आज मैने घर में वापसी की है। पीछे जो गलतियां हुई, वहां परिवार में बैठकर बात हुई तो कहा कि पीछे जो अनदेखी हुई उससे डबल सम्मान देने का काम करेंगे। इसलिए आज मैने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने का मन बनाया है।
प्रश्न : भाजपा कहती है कि हम छोटे-से-छोटे कार्यकर्ता का सम्मान करते हैं तो आपको क्यों टिकट नहीं मिली?
उत्तर : आज कलानौर भाजपा का हर कार्यकर्ता 5-10 लोगों को छोड़कर घर में मायूस बैठा है। वे कह रहे हैं कि भाजपा ने यह बहुत बड़ा नुकसान किया है। यह नुकसान हल्के और कार्यकर्ताओं का किया है। इसका खामियाजा 8 तारीख के रिजल्ट में भुगतना पड़ेगा।
प्रश्न : 10 साल भाजपा में रहे और अब उसी का विरोध करेंगे?
उत्तर : मैं भाजपा का विरोध इसलिए नहीं करुंगा कि भाजपा का आज पूरे विश्व में डंका बज रहा है। लेकिन भाजपा के जो एक्सपर्ट हैं, जिन्होंने टिकटों को लेकर बहुत अच्छे फैसले लिए हैं। मैं उनका विरोध करुंगा। ऐसे ही फैसले होते रहे तो आगे यह पार्टी और भी खत्म होगी। कम से कम जो लोग इस पार्टी में काम कर रहे हैं, उनकी तरफ देख लेना चाहिए।
प्रश्न : क्या टिकट बंटवारे में कार्यकर्ताओं की अनदेखी हुई है?
उत्तर : बिल्कुल अनदेखी हुई है।
प्रश्न : कलानौर को छोड़कर भी इसी तरह की अनदेखी हुई है क्या?
उत्तर : बिल्कुल हुई है, महम हल्के में भी ऐसा ही हुआ। 67 सीटों पर भाजपा ने जो उम्मीदवार उतारे हैं, उनमें कम-से-कम 15 सीटों में ऐसा हाल हुआ है कि जैसे रेल की टिकट दी गई हैं, ऐसे दी है। आज भाजपा के कार्यकर्ताओं में चारों तरफ से नाराजगी हो रही है, यह अनदेखी होने के कारण ही हो रही है।
प्रश्न : पार्टी जो दावे करती थी कि छोटे से छोटे कार्यकर्ता को बड़े पद तक लेकर जाती है। उस पर क्या कहेंगे?
उत्तर : यह झूठे ढकोसले हैं। मैं तो यह कहता हूं, जब आदमी पर खुद बीतती है तो वह बोलता है। मैं अपना अनुभव बता रहा हूं। हमने 10 साल अपना घर परिवार छोड़कर मेहनत की। धन-दौलत सब कुछ लगा दिया, लेकिन रिजल्ट निल है। यहां काम करने वाले व्यक्ति की जरूरत नहीं हैं। चमचागिरी करो, पैरों के हाथ लगाओ, जूती चाटो और ऐसे ही टिकट और पद भी मिल जाएगा।
प्रश्न : भाजपा में टिकट चमचागिरी करने वालों में हुआ है?
उत्तर : हां, काफी लोगों में तो है ही। जो लोग विधायक थे, मंत्री थे उनको तो मिली है। जो लोग धरातल पर काम कर रहे थे, वहां अनदेखी हुई है।
प्रश्न : इसका चुनाव परिणाम पर क्या असर पड़ेगा। क्या आंकलन है?
उत्तर : जो चुनाव रिजल्ट आएगा उसमें पता चल जाएगा। मेरा आंकलन है कि कलानौर भाजपा की सीट थी, लेकिन खो दी। जो एक्सपर्ट थे, जिन्होंने यह फैसले लिए, वे अब जीता देंगे। 8 तारीख को रिजल्ट आ जाएगा।