टिकट कटने से नाराज भाजपा के एससी मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष सूरजमल किलोई ने पार्टी छोड़ दी है। अब वे कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे। उन्होंने कलानौर विधानसभा से भाजपा से टिकट के लिए दावेदारी ठोकी थी। लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट देने की बजाय रेनू डाबला को उम्मीदवार बनाया है। जिसके कारण सूरजमल किलोई नाराज थे और टिकट वितरण पर मंथन करने के लिए भी पार्टी आलाकमान को कहा, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई।
सूरजमल किलोई ने कहा कि वे 2014 में कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा से काफी उम्मीद थी। इसके लिए उन्होंने पिछले करीब 10 साल से कलानौर विधानसभा में काफी मेहनत की और कार्यकर्ताओं को भाजपा के साथ जोड़ा। उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा उन्हें पूरा मान-सम्मान देगी। लेकिन भाजपा ने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है।
अनदेखी के कारण छोड़ी पार्टी
सूरजमल किलोई ने कहा कि भाजपा ने रेनू डाबला को कलानौर से उम्मीदवार बनाकर जीती हुई सीट भी कांग्रेस को दे दी। पार्टी में पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी हुई। जिसके कारण उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है। इसके बाद वे कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे। साथ ही भाजपा के टिकट बंटवारे पर भी सवाल उठाए।
मेयर रहने के बाद हारी पार्षद का चुनाव
सूरजमल किलोई ने भाजपा उम्मीदवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह 5 साल तक रोहतक की मेयर रही तो उन पर फर्नीचर घोटाले के आरोप लगे थे। लेकिन वे आरोप लगने के बाद भाजपा में शामिल हो गई। वहीं मेयर रहने के बाद वह खुद पार्षद का चुनाव हार गई। जिस वार्ड से चुनाव हारी वह वार्ड भी कलानौर हल्के में आता है। ऐसे में उसे विधानसभा उम्मीदवार बनाना गलत है।
रविदास समाज को नहीं दी टिकट
सूरजमल किलोई ने कहा कि भाजपा को रविदास समाज के उम्मीदवार को टिकट देना चाहिए था। लेकिन पार्टी ने उनकी नहीं नहीं सुनी। इसलिए पार्टी को छोड़ने का काम किया है। रविदास समाज के लोगों ने पहले ही घोषणा की थी कि अगर भाजपा उनकी जाति के उम्मीदवार को टिकट देती है तो वे सभी भाजपा को जिताने का काम करेंगे। जबकि कलानौर विधानसभा में रविदास समाज के करीब 48 हजार वोट हैं। इन वोटों को अपनी तरफ करने के लिए भाजपा को रविदास समाज के उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाहिए था। लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं किया।