हरियाणा में सिरसा के कालांवाली से पूर्व विधायक बलकौर सिंह ने बीजेपी को अलविदा कह दिया है। बीजेपी ने इस बार उनका टिकट काट राजेंद्र देसुजोधा को दिया है। जिससे बलकौर सिंह नाराज हो गए।
बलकौर जिला पार्षद, ब्लॉक समिति के चेयरमैन, मेंबर, कई सरपंचों, पूर्व सरपंचों समेत अन्य नेताओं के साथ दिल्ली रवाना हो गए हैं। यहां वह पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
हालांकि कांग्रेस की ओर से शुक्रवार रात को जो लिस्ट जारी की गई है उसमें कालांवाली से विधायक शीशपाल केहरवाला को टिकट दिया गया है।
बलकौर सिंह का इस्तीफा….
बलकौर 2014 में बने थे विधायक बलकौर सिंह 2014 के विधानसभा चुनाव में कालांवाली सीट से इनेलो और अकाली दल के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे। उन्होंने कांग्रेस के शीशपाल केहरवाला को लगभग 13 हजार वोटों से हराया था। बलकौर सिंह को 54112 वोट और शीशपाल केहरवाला को 41147 वोट मिले थे।
चुनाव लड़ने को लेकर हुआ था विवाद 2014 के चुनाव में विवाद भी हुआ था। इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने बुध सिंह को कालांवाली से उम्मीदवार बनाया था। उस दौरान इनेलो का शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन था। ऐसे में बुध सिंह को उम्मीदवार बनाने पर विवाद पैदा हो गया।
इसके बाद अभय सिंह चौटाला ने किसी तरह बुध सिंह को मना लिया, तब जाकर गठबंधन उम्मीदवार के रूप में बलकौर सिंह को मैदान में उतारा गया। इनेलो ने इस बार बुध सिंह के बेटे मास्टर गुरतेज सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
अकाली और जजपा को दिया था झटका जनवरी 2019 में अजय चौटाला की मौजूदगी में बलकौर सिंह जननायक जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। हालांकि बाद में उन्होंने यूटर्न ले लिया था। चर्चा थी कि अकाली दल प्रमुख प्रकाश सिंह बादल से मुलाकात में फटकार लगने के बाद बलकौर सिंह ने जजपा में शामिल होने की बात नकारी थी। इसके बाद बलकौर भाजपा में आ गए।
2019 में काटा गया था राजेंद्र देसुजोधा का टिकट 2019 में पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने राजेंद्र देसुजोधा का टिकट काटकर बलकौर सिंह को दिया था, लेकिन वह चुनाव हार गए। वह तीसरे नंबर पर रहे थे, जबकि राजेंद्र देसुजोधा दूसरे नंबर पर रहे थे।