हरियाणा में उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने मची भगदड़ के बीच बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल करना शुरू कर दिया है। सब कुछ केंद्रीय कार्यालय की तरफ से तय किया जा रहा हैं। रूठों को मनाने के लिए शीर्ष नेतृत्व की तरफ से वन-टू-वन बातचीत की जा रही हैं। चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, CM नायब सैनी और प्रदेश सहप्रभारी बिप्लब देब ने टिकट बंटने के बाद बागी तेवर अपनाने वाले 10 से ज्यादा नेताओं से बात कर उन्हें मनाने की कोशिश की है। इनमें कुछ मान भी गए। कुछ ने समर्थकों के साथ मीटिंग कर निर्णय लेने की बात कही हैं।
टिकट आवंटन के बाद रेवाड़ी, झज्जर, रोहतक, सोनीपत, करनाल, अंबाला, हिसार, फतेहाबाद, गुरुग्राम जिले में सबसे ज्यादा बगावत हुई। करीब 40 नेताओं ने इस्तीफे दे दिए। इनमें विधायक, पूर्व मंत्री सहित कई निगम और बोर्ड के चेयरमैन तक शामिल रहे।
कई नेताओं ने बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने का फैसला भी किया। इस्तीफों की झड़ी लगने के बाद सीधे हाईकमान की तरफ से डैमेज कंट्रोल करने के लिए बागी हुए नेताओं से संपर्क साधा गया। केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्री नायब सैनी ने खुद बागियों से फोन पर बात करने के अलावा मिलने के लिए भी बुलाया।
सीएम ने नाराज नेताओं से की बात रेवाड़ी सीट पर बागी तेवर अपनाने वाले परिवार पहचान पत्र के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. सतीश खोला, पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास और पर्यटन निगम के पूर्व चेयरमैन डॉ. अरविंद यादव से शीर्ष नेतृत्व की तरफ से बातचीत की गई। रणधीर सिंह कापड़ीवास से शुक्रवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने रोहतक में वन-टू-वन बात की।
इसी तरह सतीश खोला ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से बात होने के बाद दिल्ली में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और संगठन महासचिव बीएल संतोष से बात की। खोला ने बताया कि राष्ट्रीय नेतृत्व ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया था। हम पार्टी के समर्पित सिपाही हैं। शीर्ष नेतृत्व से बात होने के बाद मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला वापस ले लिया हैं।
उम्मीदवार भी बागियों से घर-घर जाकर मिल रहे जिन सीटों पर नेताओं ने बगावत का बिगुल बजाया अब उन्हें मनाने की जिम्मेदारी शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ पार्टी द्वारा बनाए गए कैंडिडेट को भी दी गई है। नामांकन से पहले कैंडिडेट्स हर हाल में बागियों को मनाने की कोशिश करने में लगे हुए हैं। रेवाड़ी से उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह यादव ने भी डॉ. अरविंद यादव, सतीश खोला और सुनील मुसेपुर से उनके घर जाकर उनसे गिले-शिकवे दूर किए। तीनों नेताओं से घंटों की बातचीत के बाद लक्ष्मण भी पूरी तरह आश्वस्त नजर आए। हालांकि रणधीर सिंह कापड़ीवास से अभी उनकी मुलाकात नहीं हो पाई है।
मॉनिटरिंग टीम रख रही नजर बीजेपी के सीनियर नेता के अनुसार, टिकट आवंटन के बाद उपजे विवाद को संभालने के लिए राष्ट्रीय कार्यालय की तरफ से डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही हैं। राष्ट्रीय कार्यालय की एक मॉनिटरिंग टीम बागियों और संभावित बागियों पर नजर रख रही है। शीर्ष नेतृत्व की तरफ से असंतुष्ट और संभावित असंतुष्टों से वन-टू-वन बातचीत की जा रही है।
संडे का दिन अहम प्रदेश में बीजेपी की टिकट नहीं मिलने से नाराज हुए ज्यादातर नेताओं ने कल यानी रविवार को बड़ी बैठकें बुलाई हैं। इन बैठकों के बाद ही तय होगा कि वह निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरेंगे या फिर पार्टी में ही रहकर बगावत करेंगे। सोनीपत में पूर्व मंत्री कविता जैन, रेवाड़ी के कोसली में पूर्व मंत्री बिक्रम ठेकेदार, रेवाड़ी सीट पर दावेदारी जताने वाले पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव ने कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाई है। इसी तरह सन्नी यादव ने अपने पैतृक गांव बुढ़पुर में पंचायत करने का निर्णय लिया है।