हरियाणा चुनाव के बीच BJP में एक रोचक मामला सामने आया है। यहां महेंद्रगढ़ सीट पर भाजपा ने अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। फिर भी एक नेता ने खुद को BJP कैंडिडेट बताते हुए नामांकन तक भर दिया।
नामांकन करने वाले नेता कैलाश चंद्र पाली हैं। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए हैं। वह महेंद्रगढ़ के पास लगते पाली गांव के रहने वाले हैं। नामांकन पत्र के साथ दिए गए एफिडेविट और पत्र के कॉलम में उन्होंने स्वयं को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का प्रत्याशी बताया है। नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान BJP का जिक्र किया है।
उन्होंने कहा कि संगठन ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहा है। अगर पार्टी किसी और को उम्मीदवार बनाएगी तो नामांकन वापस ले लूंगा।
इसी महेंद्रगढ़ सीट के लिए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामबिलास शर्मा जोर लगा रहे हैं। भाजपा की 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में नाम न आने पर वह बागी तेवर तक दिखा चुके हैं। इसके लिए उन्होंने कल शुक्रवार को घर में समर्थकों की भीड़ तक जुटाई।
कैलाश चंद ने बातचीत में क्या कहा.
नवीन: आपने भाजपा की तरफ से नामांकन भरा लेकिन टिकट अनाउंस नहीं हुई?
कैलाश चंद : मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि भाजपा का टिकट मुझे ही मिलेगा। मुझे संगठन ने कहा कि आप चुनाव लड़ो तो मैं चुनाव लड़ने मैदान में आ गया हूं।
नवीन: अगर आपको टिकट नहीं मिला और रामबिलास शर्मा का नाम आया तो?
कैलाश चंद : इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं पद या टिकट की लालसा से नहीं संगठन और समाज की सेवा के लिए आया हूं। टिकट नहीं मिला तो नामांकन वापस ले लूंगा।
नवीन: आपको क्या प्रधानमंत्री की तरफ से इशारा मिला है चुनाव लड़ने का ?
कैलाश चंद : मेरे ताऊ जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मित्र रहे हैं। मगर, टिकट में उनका कोई रोल नहीं है। मैं संगठन के कहने पर आया हूं।
RSS बैकग्राउंड से हैं कैलाश पाली, ताऊ ने मोदी के साथ संघ में किया है काम
कैलाश पाली राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के पुराने कार्यकर्ता हैं। कैलाश पाली RSS के भिवानी विभाग के प्रचार प्रमुख रहे हैं। वह 2015 से 2023 तक यह दायित्व संभाल चुके हैं। कैलाश चंद मई 2023 में प्राचार्य के पद से रिटायर्ड हुए हैं।
कैलाश चंद ने बताया कि उनके ताऊ पंडित हेतराम अहमदाबाद में संघ की शाखा लगाते थे। उस समय नरेंद्र मोदी महानगर प्रचारक थे। दोनों के बीच अच्छी मित्रता थी। राम मंदिर के निर्माण का चंदा एकत्र करने में कैलाश चंद्र पाली ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनको जिला का संयोजक भी बनाया गया था।
वह 1991 में भी टिकट के लिए आवेदन कर चुके हैं। उस समय रामबिलास शर्मा अध्यक्ष थे। उनका परिवार पाकिस्तान के कराची से ही RSS से जुड़ा हुआ है। वह 1974 में संघ से जुड़े और शाखा जाना शुरू किया।
फार्म ए और बी देना जरूरी
नामांकन भरने के दौरान प्रत्याशी को पार्टी द्वारा दिए जाने वाला फार्म ए और फार्म बी देना जरूरी होता है। इसे आम बोलचाल में टिकट कहा जाता है। इस फार्म में कवरिंग कैंडिडेट भी मेंशन होता है। अगर कोई प्रत्याशी बिना फार्म ए और बी के पार्टी की ओर से आवेदन करता है तो उसे एक प्रपोजर की जरूरत होती है। मगर उसे स्क्रूटनी तक दोनों फार्म जमा करवाने होते हैं। अगर कोई कैंडिडेट 10 प्रपोजल के साथ नामांकन भरता है तो उसका स्क्रूटनी के बाद नामांकन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बदल जाता है। मगर पार्टी प्रत्याशी के लिए स्क्रूटनी तक फार्म ए और फार्म बी दोनों जरूरी है।
भाजपा नेता-कार्यकर्ताओं में हड़कंप भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर कैलाश चंद्र पाली के नामांकन की बात सामने आई तो भाजपा नेताओं में हड़कंप मच गया। नेता-कार्यकर्ता पड़ताल में जुट गए कि आखिर ये कैसे हो गया। जब वे नामांकन भर रहे थे, उसी दौरान रामबिलास शर्मा भाजपा टिकट के लिए शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे।
बाद में पता चला कि कैलाश चंद्र पाली ने भाजपा की टिकट पर नामांकन करा है, लेकिन उनको टिकट नहीं मिली है। अगर वो तय समय में भाजपा की टिकट का पार्टी से जारी आधिकारिक पत्र जमा नहीं कराते हैं या भाजपा दूसरा कैंडिडेट घोषित करती है ताे कैलाश चंद्र का नामांकन रद्द हो जाएगा।
भाजपा प्रधान बोले- अभी किसी को नहीं मिली टिकट भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष दयाराम यादव का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक महेंद्रगढ़ सीट पर अपना कोई उम्मीदवार नहीं बनाया है। उन्होंने बताया कि सीट पर नामांकन भरने वाला संघ से जुड़ा हुआ व्यक्ति जरूर है।