‘देर शाम जब थोड़ा अंधेरा होने लगता है, तब हम जंगल में पुड़िया (हेरोइन, कोकीन, गांजे के पाउच) लेकर खड़े रहते हैं। जिसे भी नशे का सामान लेना होता है, वो वहीं से ले जाता है।’ हरियाणा के नूंह जिले के खेड़ला गांव के जाकिर (बदला हुआ नाम) खुद भी हेरोइन और कोकीन का नशा करते हैं। कुछ दिन पहले तक वे नशे के कारोबार में सेल्समैन का काम कर रहे थे।
जाकिर के पिता यूसुफ (बदला हुआ नाम) बताते हैं, ’12-13 साल से लेकर 40 साल तक के लड़के इस नशे के आदी हैं। मेरे गांव ही नहीं, आसपास के गांव तक ये लत फैल चुकी है। हर दूसरे घर में एक बच्चा नशा करता है। गांव में ही नशे के सप्लायर रहते हैं। पुलिस सब जानती है, लेकिन कार्रवाई के लिए कहो तो पता पूछती है।’
ये कहानी हरियाणा के किसी एक गांव या जिले की नहीं है। यहां के गांवों में ये कहानियां बिखरी पड़ी हैं। आंकड़े भी यही कहते हैं। 2023 में हरियाणा में ड्रग्स के कुल 3,757 केस रजिस्टर्ड किए गए। पंजाब के बॉर्डर से लगने वाले यहां के 8 जिले सिरसा, फतेहाबाद, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल और हिसार ड्रग्स से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
क्या हरियाणा नशे के कारोबारियों का अड्डा बनता जा रहा है? क्या यहां हेरोइन-कोकीन जैसे नशा खरीदना वाकई इतना आसान है? इन सवालों के जवाब तलाशने दैनिक भास्कर की टीम हरियाणा पहुंची और नशे की सप्लाई वाले कुछ ठिकानों की पड़ताल की। जो तस्वीर सामने आई, वो उड़ता पंजाब की राह पर बढ़ रहे नशे में डूबे हरियाणा की थी। यहां की 4 कहानियां हमने कैमरे में भी कैद कीं।